कृषि समाचार

सरसों की खेती : अक्टूबर के पहले सप्ताह में करें सरसों की बिजाई, 25 सितंबर से शुरू करें अगेती बुवाई

सरसों की खेती के लिए सही समय, किस्में और उन्नत तकनीक से बेहतर उपज प्राप्त करने के टिप्स जानें। सरसों की बुवाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में करें और अगेती बुवाई 25 सितंबर से शुरू करें।

सरसों की खेती: समय, किस्में और उपज की जानकारी

रबी फसलों में सरसों का विशेष स्थान है। हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। अगर आप सरसों की खेती करने की सोच रहे हैं, तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कब और कैसे इसकी बुवाई करें, कौन-सी किस्में उपयुक्त हैं, और बेहतर उपज के लिए कौन-सी मिट्टी और तकनीक का उपयोग करना चाहिए।

सरसों की बुवाई का सही समय

सरसों की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर का पहला सप्ताह है, लेकिन अगेती बुवाई करने वाले किसान 25 सितंबर से भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं। सरसों के लिए भुरभुरी और हल्की मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। बुवाई के लिए आवश्यक तापमान 25-26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहना चाहिए, जो सरसों के बीज के अच्छे अंकुरण के लिए आदर्श है।

बीज की मात्रा:

  • शुष्क क्षेत्रों में 4-5 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर
  • सिंचित क्षेत्रों में 3-4 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर

सरसों की लोकप्रिय किस्में और उनकी उपज

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान (CSSRI) करनाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जोगेंद्र सिंह के अनुसार, किसान संस्थान से अच्छी किस्म के सरसों के बीज प्राप्त कर सकते हैं। निम्नलिखित कुछ प्रमुख किस्में हैं, जिनकी खेती करके आप बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं:

किस्म का नामउपज (क्विंटल/हेक्टेयर)विशेषताएँ
CS-58सामान्य: 26-28, नमक प्रभावित: 20-22हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और यूपी में उपयुक्त
CS-60सामान्य: 25-28, नमक प्रभावित: 21-23नमक प्रभावित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त
CS-61सामान्य: 25-28, नमक प्रभावित: 21-2339% तेल की मात्रा, 132 दिन में तैयार
CS-62सामान्य: 25-27, नमक प्रभावित: 20-22136 दिनों में पक जाती है
CS-64सामान्य: 25-28, नमक प्रभावित: 20-23जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी उपयुक्त

CS-58 किस्म को हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लगाया जा सकता है। यह नमक प्रभावित क्षेत्रों के लिए भी उपयुक्त है। इसकी उपज सामान्य मिट्टी में 26-28 क्विंटल/हेक्टेयर और नमक प्रभावित क्षेत्रों में 20-22 क्विंटल/हेक्टेयर तक हो सकती है।

CS-61: एक नई उन्नत किस्म

CS-61 एक नई किस्म है, जिसे CSSRI करनाल ने विकसित किया है। यह नमक प्रभावित मिट्टी में 21-23 क्विंटल/हेक्टेयर और सामान्य मिट्टी में 25-28 क्विंटल/हेक्टेयर उत्पादन देती है। इसका तेल प्रतिशत लगभग 39% होता है, और यह 132 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।

नई तकनीक और उन्नत किस्में

सरसों की खेती में नई तकनीक और उन्नत किस्मों का उपयोग करने से किसान बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं। CSSRI जैसी संस्थाओं से प्रमाणित बीज खरीदें और सही समय पर बुवाई करें, ताकि फसल अच्छी हो और उत्पादन ज्यादा मिले।

सरसों की खेती के लिए अक्टूबर का पहला सप्ताह सबसे अच्छा समय है, लेकिन अगेती बुवाई 25 सितंबर से भी शुरू की जा सकती है। उन्नत किस्मों का चयन और उचित खेती तकनीक से किसान उच्च उपज प्राप्त कर सकते हैं। नमक प्रभावित क्षेत्रों में भी सरसों की कुछ किस्में अच्छी पैदावार देती हैं, जिससे इन क्षेत्रों के किसान भी लाभ उठा सकते हैं। खेती की सही जानकारी से आपकी पैदावार में वृद्धि होगी और आप अपने खेत से अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button